वीर बाल दिवस : साहस की वो गाथा, जो बच्चों को इतिहास नहीं - भविष्य बनना सिखाती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीर बाल दिवस की बधाई - एक राष्ट्रीय संदेश

वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन हमें साहस, आत्मबल और धर्म के लिए अडिग रहने की प्रेरणा देता है। प्रधानमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह जी के वीर पुत्रों - साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह - के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन हर भारतीय बच्चे के लिए प्रेरणा का स्तंभ है। यह केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाने का संकल्प है कि भारत का भविष्य डर से नहीं, दृढ़ता से बनता है।

Veer Bal Diwas 2025 Chhuriya Times

वीर बाल दिवस क्यों मनाया जाता है? इतिहास का वह अध्याय जो सर झुकाने से इंकार करता है।

सन 1705 ईस्वी में, जब मुगल शासक वज़ीर ख़ान ने इन्हें इस्लाम स्वीकार करने के लिए दबाव डाला, तब इन नन्हे साहिबजादों ने मृत्यु स्वीकार की, पर अपने धर्म, आत्मसम्मान और सत्य से समझौता नहीं किया। अंततः उन्हें दीवार में ज़िंदा चिनवा दिया गया - लेकिन उनका साहस इतिहास की दीवारों को तोड़कर अमर हो गया।
                  वीर बाल दिवस हर वर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों - बाबा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और बाबा फतेह सिंह (7 वर्ष) - के अद्वितीय बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। 
                  वीर बाल दिवस हर वर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों - बाबा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और बाबा फतेह सिंह (7 वर्ष) - के अद्वितीय बलिदान की स्मृति में मनाया जाता है। 

26 दिसंबर 2022 को भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में घोषित किया, ताकि देश के बच्चे यह जान सकें कि उम्र छोटी हो सकती है, लेकिन साहस नहीं।

वीर बाल दिवस से बदलाव :

वीर बाल दिवस केवल एक स्मृति दिवस नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का पुनर्जागरण है। इस दिवस ने तीन बड़े बदलावों की नींव रखी है :

  • बच्चों को अब केवल प्रतियोगिता नहीं, चरित्र निर्माण की सीख मिल रही है।
  • शिक्षा में अब केवल अंक नहीं, मूल्य और राष्ट्रबोध का समावेश हो रहा है।
  • समाज में यह संदेश जा रहा है कि वीरता उम्र नहीं देखती।
आज वीर बाल दिवस के माध्यम से भारत यह कह रहा है कि :

हम ऐसे नागरिक नहीं चाहते जो सिर्फ सफल हों, बल्कि ऐसे नागरिक चाहते हैं जो संकट में भी सही का साथ दें। “जो इतिहास भूलता है, वह भविष्य खो देता है।”

छात्रों के लिए याद रखने योग्य :- 

परीक्षा में यह आपसे पूछ सकते हैं, वीर बाल दिवस से सम्बंधित प्रश्न :

  • तिथि : 26 दिसंबर
  • घोषित वर्ष : 2022
  • साहिबजादे : बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह
  • स्थान : सरहिंद (पंजाब)
छुरिया टाइम्स परिवार की ओर से : नमन उन वीर बालकों को, जिनकी शहादत आज भी भारत की आत्मा में धड़कती है। जय हिन्द 

लेखक : मेकल साहू (Chhuriya Times)

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