गुरुदेव राइस मिल : 1 की मौत, कई मजदूरों के दबे होने की आशंका महराजपुर में हड़कंप

सूत्रों के अनुसार नेशनल हाईवे 53 स्थित चिचोला - महाराजपुर के गुरुदेव राइस मिल गेट नंबर-2 पर शाम 5 बजे बड़ा हादसा हुआ, जहाँ चावल से भरा नया बना टापा अचानक टूटकर गिर गया और चार मजदूर मलबे में दब गए। इस दुर्घटना में मोतीपुर निवासी मुकेश कुमार कंवर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गजानंद और रमेश कुमार कंवर गंभीर रूप से घायल होकर जिला अस्पताल भेजे गए हैं। इनमें से रमेश कंवर का आधा शरीर राजनांदगाँव जिला अस्पताल ले जाया गया और उसका पैर अभी भी चांवल में दबा हुआ है

आशंका जताई जा रही है कि अभी भी 2–4 मजदूर चावल के ढेर में दबे हो सकते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह टापा मात्र 2–4 महीने पहले ही बनाया गया था, जिससे निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, वहीं हादसे के कई घंटे बाद भी मिल मालिक के मौके पर न पहुँचने और दूसरी दोनों मिलों को बंद न करने से मजदूरों में भारी आक्रोश है।

विश्लेषण :- 

  • हादसे की सीधी वजह निर्माण गुणवत्ता की गंभीर लापरवाही लगती है।
  • सूत्रों के अनुसार सेफ्टी ऑडिट, लोड टेस्टिंग, और क्वालिटी चेक जैसी मूलभूत प्रक्रियाओं का पालन नहीं हुआ।
  • मजदूर सुरक्षा के नियमों के अनुसार भारी संरचनाओं का उपयोग जांच प्रमाणित होने के बाद ही होता है—यहाँ यह नियम साफ-साफ टूटा।
  • मिल मालिक का मौके पर न पहुँचना, और दूसरी मिलें बंद न करना, यह दिखाता है कि प्रबंधन पक्ष मानव जीवन से अधिक उत्पादन को महत्व दे रहा है।
  • यदि अभी भी चावल के ढेर में मजदूर दबे हैं, तो समय हर सेकंड कीमती है, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।
 निष्कर्ष :-
यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही और गैरजिम्मेदारी का भयानक परिणाम है। नया बना टापा गिरना यह साबित करता है कि या तो निर्माण कार्य में घोर कमी थी, या फिर बिना जांच-परख के इसे चलाया गया। प्रशासन को तुरंत रेस्क्यू तेज़ करने, मिल को सील करने, और निर्माण व सेफ्टी प्रक्रिया की जांच शुरू करनी चाहिए। मजदूर जान देकर उत्पादन बढ़ाने नहीं आए—उनकी सुरक्षा मिल मालिक की पहली ज़िम्मेदारी है।

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