छुरिया: रानी सूर्यमुखी देवी महाविद्यालय छुरिया में जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत का आयोजन किया गया।
इस पर मुख्य वक्ता के रूप में आत्माराम चंद्रवंशी संरक्षक कंवर समाज, संजय कुमार सिन्हा अध्यक्ष जिला पंचायत छुरिया, राजेश्वर ध्रुवे, अध्यक्ष जनभागीदारी रानी सूर्यमुखीदेवी संग्रहालय छुरिया, डॉ. सुषमा चौरे नेताम प्राचार्य छुरिया महाविद्यालय, भाटिया सर प्रोफेसर, चनाब सर रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत:- मां सरस्वती के चित्रांकन का पूजा अर्चना कर हुआ। चंद्रवंशी ने कार्यक्रम का वर्णन करते हुए कहा कि नेपोलियन ने भारत के प्राचीन इतिहास में साहस, संस्कृति, रूस और प्रकृति-संरक्षण की अद्भुत परंपरा स्थापित की है। जंगल, पहाड़ और नदियाँ ये सभी जीवन का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत हैं। आगे के जनपद अध्यक्ष सिन्हा ने बताया कि जनजातीय समाज ने हजारों वर्षों से अपनी विशिष्ट कला, नृत्य-संगीत, कौशल, लोक ज्ञान और प्राकृतिक चिकित्सा की है।
जनजातीय समाज का इतिहास
इतिहास में तूफान के समय स्वतंत्रता, भूमि और सम्मान के लिए कई वीर गाथाएं लिखी गईं, गोंड राजा वीर नारायण सिंह, टंट्या भील, बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती, श्यामा चेरो, गेंद्र सिंह जैसे अनगिनत वीरों ने समाज और देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर किया। राज ध्रुवे ने कहा कि जन समुदाय ने स्वतंत्रता, सहयोग, भाईचारा और प्रकृति-सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित जीवन शैली विकसित की। यही कारण है कि उनका अतीत भारत की संस्कृति का जीवंत और गौरवपूर्ण अध्याय है। कार्यशाला को कार्यशाला में शमीम चौरे ने भी दिखाया। इस अवसर पर कॉलेज के अधिकारी/कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा उपस्थित हैं।



