छुरिया के पास के ग्राम झंडातलाब में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। इंटा (ईंट) unload करने के बाद ट्रैक्टर चालक महेन्द्र पिता किर्तन, ग्राम रियाटोला निवासी, चावल के बोरे ट्राली में लादकर अपने गाँव लौट रहे थे। इसी दौरान ट्रैक्टर अचानक अनियंत्रित होकर खेत में पलट गया और चालक महेन्द्र ट्रैक्टर की मुंडी के नीचे दब गए। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई।
खबर विस्तार में
ग्राम झंडातलाब में बुधवार की दोपहर लगभग 3 बजे के आसपास एक भीषण हादसा हुआ जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक महेन्द्र पिता किर्तन (निवासी ग्राम रियाटोला) अपने ट्रैक्टर से पहले पास के किसी निर्माण स्थल पर ईंट उतारने गए थे। इंटा unload करने के बाद वे खेतों के रास्ते चावल के बोरे लेकर अपने गाँव की ओर लौट रहे थे। इसी बीच अचानक ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया और वह खेत की ढलान पर पलट गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसा इतना अचानक हुआ कि महेन्द्र को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। ट्रैक्टर की भारी मुंडी सीधा उनके ऊपर आ गिरी, जिससे वे मौके पर ही दब गए। ग्रामीणों ने जब दौड़कर देखा तो महेन्द्र का शरीर ट्रैक्टर के नीचे बुरी तरह फंसा हुआ था। तत्काल लोगों ने अन्य किसानों की मदद से ट्रैक्टर उठाने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी — महेन्द्र ने दम तोड़ दिया था।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस को बुलाया गया। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया और पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। परिजनों को जैसे ही यह खबर मिली, गाँव में मातम छा गया। महेन्द्र की मृत्यु से पूरे रियाटोला व झंडातलाब क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई।
विश्लेषण / निष्कर्ष
यह हादसा एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर चालक अकसर सुरक्षा मानकों को नज़रअंदाज़ कर काम करते हैं। ईंट और धान जैसे भारी सामान लादने के बाद ट्रैक्टर का संतुलन ज़रा सा भी बिगड़ जाए तो बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। अधिकतर मामलों में ओवरलोडिंग या असमतल रास्ते मुख्य कारण होते हैं।
ग्राम झंडातलाब के जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां खेत का रास्ता ऊबड़-खाबड़ बताया जा रहा है। ट्रैक्टर के पलटने की स्थिति में चालक का फँस जाना यह दिखाता है कि ट्रैक्टर में सेफ़्टी स्ट्रक्चर (ROPS) या किसी प्रकार का सुरक्षा कवच नहीं था। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं, परंतु प्रशासन और परिवहन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया है।
मृतक महेन्द्र एक मेहनती किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। गाँव के लोगों ने बताया कि वे बहुत शांत, मिलनसार और मेहनती स्वभाव के व्यक्ति थे। उनकी असमय मृत्यु से न सिर्फ़ परिवार बल्कि पूरा इलाका शोक में डूब गया है। लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता और मुआवज़ा प्रदान किया जाए।
यह घटना इस बात की सीख देती है कि खेत या गाँव के रास्तों पर ट्रैक्टर चलाते समय सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। विशेषकर भारी सामान लादने के बाद चालकों को धीरे चलना चाहिए और ऊँचाई या ढलान वाले क्षेत्रों में इंजन बंद करने से पहले हैंड ब्रेक अवश्य लगाना चाहिए।
एक लापरवाही ने एक परिवार को उजाड़ दिया, और गाँव ने अपना मेहनती बेटा खो दिया।


